नीलसरस्वती तन्त्रम् Neel Saraswati Tantram Book with Hindi Commentary
टीकाकार एस एन खण्डेलवाल
चौखम्बा सुरभारती प्रकाशन वाराणसी प्रकाशक
सम्पादक डॉ ब्रह्मानन्द त्रिपाठी
नील सरस्वती देवी द्वितीया महाविद्या तारादेवी का ही रूप विशेष है। एकजटा , उग्रतारा महोग्रतारा , नीरसरस्वती आदि उन द्वितीया महाविद्या तारा के ही स्वरूपान्तर हैं। अन्तः गुप्त साधन क्रम में जैसे सुषुम्ना ही वज्रा चित्रा तथा ब्रह्मनाड़ी प्रभृति भेदमुख्या हो जाती है, उसी प्रकार बाह्यगुप्तसाधन क्रम में महाविद्या तारा ही आधार एवं साधन भेद से नील सरस्वती हो जाती हैं। जो स्थूलतः तारा हैं, वे ही सूक्ष्मातिसूक्ष्म दृष्टिकोण का अवलम्बन लेने पर नील सरस्वती हो जाती हैं। सूक्ष्म से सूक्ष्मातिसूक्ष्म में क्रमशः जाने पर शक्ति की केन्द्रगत स्थिति में अभिवृद्धि होती जाती है।
एकक्षरी महाविद्या - स्त्रीं
महाविद्या तारा का श्रेष्ट मन्त्र - हूँ
उग्र तारा मंत्र - ॐ ह्रीं स्त्रीं हूँ फट्
महा नील सरस्वती का सिद्ध मंत्र - ह्रीं स्त्रीं हूँ
Nila Saraswati Tantram Book with Hindi Commentary By SN Khandelwal नील सरस्वती तन्त्रम्
- Brand: Chaukhamba Surbharati Prakashan
- Product Code: CSP_Neel_Saraswati_Tantra
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₹230.00